Sunday, July 27, 2008

जब से गैंरो को अपना.......

जब से गैंरो को अपना बनाने लगे
तब से हर खूबसूरत ज़माने लगे
बस गए हम ही हम ऐसे सब की जुबां
जब से दूरी दिलों की मिटाने लगे
बिन दिए कुछ किसी को यूहीं उठ गए
जब से दिल को दिलो से मिलाने लगे
ढूंढ ते थे जिन्हें बे ही पास आ गए
जब से मन भेद मन से भुलाने लगे
बन गए हम दुआ सबकी फरियाद में
प्रेम जब से दिलों में जगाने लगे

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