Thursday, July 24, 2008

जब होंगा मन में औरों के प्रति प्रेम भाव..........

जब होंगा मन में औरों के प्रति प्रेम भाव
......................ईर्ष्या के दीप अपने आप बुझ जायेंगें
दूसरों के ग़म को जो अपना माना तुमने कभी
.....................सब जगह आप ही बस आप ही आप हो जायेंगें
झुके न झुके कोई झुक जाओ सिर्फ तुम
....................दूरियों के पथ्य अपने आप मिट जायेंगें
माना सब को एक में जो जाना सबको एक में
....................तो एकता के भाव अपने आप जायेंगें
द्वेष,बैर त्याग के जो बढ़ादो हाथ तुम कभी
....................समरस के पुष्प अपने आप खिल जायेंगें

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